|| श्री राधा कृष्णाभ्यां नमः ||
श्री हरि
तृणावर्त का उद्धार
भगवान् श्रीकृष्ण ने एक वर्ष की आयु में ही तृणावर्त नामक दैत्य का उद्धार किया था| तृणावर्त दैत्य कंस का निजी सेवक था| कंस की प्रेरणा से ही बवंडर के रूप में वह गोकुल में आया और श्रीकृष्ण को उड़ाकर आकाश में ले गया| उसने ब्रज-रज से सारे गोकुल को ढक दिया और लोगों की देखने की शक्ति हर ली|