|| श्री राधा कृष्णाभ्यां नमः ||
श्री हरि
बाल्यावस्था में श्री कृष्ण द्वारा पूतना का उद्धार
नन्द बाबा जब मथुरा से चले, तब रास्ते में विचार करने लगे कि वसुदेव जी का वचन झूठा नहीं हो सकता|इससे उन्हें भी मथुरा पर उत्पात होने की आशंका होने लगी| उन्होंने मन ही मन भगवान् की ही शरण है, वही रक्षा करेंगे.. ऐसा निश्चय किया | पूतना नाम की एक राक्षसी थी| उसका काम ही था बच्चों को मारना| कंस की आज्ञा से वह नगर, ग्राम और बस्तियों में बच्चों को मारने के लिए घूमा करती थी| पूतना आकाश मार्ग से चल सकती थी और अपनी इच्छा अनुसार अपना रूप बदल सकती थी| एक दिन गोकुल के पास आकर उसने एक सुन्दर युवती का रूप धारण कर लिया और गोकुल में घुस गई|
वह अपनी मधुर मुस्कान के कटाक्ष से ब्रजवासियों का चित्त चुरा रही थी| उसके बहुत ही सुन्दर रूप को देखकर गोपियाँ अनुमान करने लगीं, कि यह युवती देवलोक से ही आई होगी|
पूतना बालक को ढूँढती हुई नन्द बाबा के घर में घुस गई| भगवान् श्री कृष्ण चर-अचर सभी प्राणियों की आत्मा हैं| उन्होंने उसी क्षण जान लिया कि यह कंस की आज्ञा से बच्चों को मारने आई है| भगवान् ने अपनी आँखें बंद कर लीं| पूतना ने भगवान् को उठा लिया और उनको अपना स्तनपान करवाने लगी जिस पर बहुत ही भयानक और किसी भी प्रकार से न पचने वाला विष लगा हुआ था | भगवान् पूतना के दूध के साथ उसके प्राण भी पीने लगे | पूतना का शरीर पसीने से लथपथ हो गया| उसके स्तनों में इतनी पीड़ा हुई कि वह अपने वास्तविक रूप को छिपा न सकी और अपने राक्षसी रूप में आ गई| उसी समय उसके शरीर से उसके प्राण निकल गए|
उसका राक्षसी रूप बहुत ही विराट था | उसके इस रूप को देख कर गोप-गण डर गए| जब गोपीयों ने देखा की बालक श्री कृष्ण उसकी छाती पर निर्भय हो कर खेल रहा है, तब वे जल्दी से वहाँ पहुँचीं तथा कृष्ण को उठा लिया|
उसके बाद यशोदा और रोहिणी जी ने बालक की नज़र उतारने के बहुत से उपाय कर के श्री कृष्ण को गौमूत्र से स्नान करवाया, फिर उसके अंगों पर गोरज लगाई|
नन्द बाबा गोकुल से मथुरा पहुँचे| तब उन्होंने पूतना का विशाल और बहुत ही भयंकर शरीर देखा| जब ब्रजवासियों ने पूतना का अंतिम संस्कार किया तो उससे ऐसा धुआं निकला, जिसमें से अगर की सुगन्ध आ रही थी| भगवान् ने उसका दूध पिया था इस कारण भगवान् ने उसको माता भी कहा और उसके सभी पाप नष्ट हो गए थे| भगवान् को दूध पिलाने से उसको ऐसी सदगति मिली जो सत्पुरुषों को मिलती है| इस तरह भगवान् श्री कृष्ण ने बाल्यावस्था में पूतना का उद्धार किया था|
*****************************************************
भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा आप सभी वैष्णवों पर सदैव बनी रहे।
*****************************************************
Please Visit:
***************
Our Blog: Click Here
Our Facebook Timeline: Click Here
Our Facebook Group: Click Here
Our Facebook Page: Click Here
Our Youtube Channel: Click Here
Our Blog: Click Here
Our Facebook Timeline: Click Here
Our Facebook Group: Click Here
Our Facebook Page: Click Here
Our Youtube Channel: Click Here