|| श्री राधा कृष्णाभ्यां नमः ||
श्री हरि
भगवान् श्री कृष्ण का प्राकट्य
जब कंस ने देवकी के छः पुत्र एक-एक करके मार डाले, तब देवकी के सातवें गर्भ से भगवान् श्री शेष जी जिन्हें अनन्त भी कहते हैं- पधारे|तब भगवान् विष्णु ने अपनी योगमाया को आदेश दिया कि हे कल्याणी! तुम ब्रज में जाओ, वह प्रदेश ग्वालों और गौओं से सुशोभित है| वहां नन्द बाबा के गोकुल में वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी निवास करती हैं| इस समय मेरा वह अंश जिसे शेष कहते हैं, देवकी के गर्भ में स्थित है, उसे वहां से निकालकर रोहिणी के गर्भ में रख दो | गर्भ से खींचे जाने के कारण शेष जी को लोग संकर्षण कहेंगे| लोक रंजन करने के कारण ‘राम’ कहेंगे और बलवान होने के कारण उनको ‘बलराम’ भी कहेंगे| योगमाया ने ठीक ऐसा ही किया|
उधर कंस को सूचना मिली कि देवकी का गर्भपात हो गया है| मूर्ख कंस ये सुन कर हसने लगा और कहने लगा कि कंस के डर से देवकी का सातवाँ गर्भ उसके उदर में ही नष्ट हो गया|
अब समस्त शुभ गुणों से युक्त बहुत ही सुहावना समय आया जब भगवान् का अविर्भाव का समय था| स्वर्ग में दुन्दुभियाँ अपने आप बजने लगीं| जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुडाने वाले जनार्दन के अवतार का समय था| उसी समय सब के ह्रदय में विराजमान भगवान् विष्णु देवकी के गर्भ से प्रकट हुए|
तब भगवान् ने योगमाया का आह्वाहन करके कहा कि हे योगमाया! वसुदेव जी की बेड़ियाँ काट कर और कारागार के सभी पहरेदारों को निद्रा-मुग्ध करके वसुदेव जी द्वारा मुझे (श्री कृष्ण को) गोकुल में यशोदा के पास छोड़ आओ| गोकुल में यशोदा जी गर्भवती हैं, उनके गर्भ में कन्या है| उस कन्या को मेरे स्थान पर इस कारागार में ला कर माता देवकी के पास रख दो|
***************************************************
भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा आप सभी वैष्णवों पर सदैव बनी रहे।
*****************************************************
Please Visit:
Our Blog: Click Here
Our Facebook Timeline: Click Here
Our Facebook Group: Click Here
Our Facebook Page: Click Here
Our Blog: Click Here
Our Facebook Timeline: Click Here
Our Facebook Group: Click Here
Our Facebook Page: Click Here
Our Youtube Channel: Click Here