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गुरुवार, 26 मई 2016

भगवान् श्री कृष्ण का प्राकट्य

|| श्री राधा कृष्णाभ्यां नमः ||
श्री हरि
भगवान् श्री कृष्ण का प्राकट्य
     जब कंस ने देवकी के छः पुत्र एक-एक करके मार डाले, तब देवकी के सातवें गर्भ से भगवान् श्री शेष जी जिन्हें अनन्त भी कहते हैं- पधारे|
तब भगवान् विष्णु ने अपनी योगमाया को आदेश दिया कि हे कल्याणी! तुम ब्रज में जाओ, वह प्रदेश ग्वालों और गौओं से सुशोभित है| वहां नन्द बाबा के गोकुल में वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी निवास करती हैं| इस समय मेरा वह अंश जिसे शेष कहते हैं, देवकी के गर्भ में स्थित है, उसे वहां से निकालकर रोहिणी के गर्भ में रख दो | गर्भ से खींचे जाने के कारण शेष जी को लोग संकर्षण कहेंगे| लोक रंजन करने के कारण ‘राम’ कहेंगे और बलवान होने के कारण उनको ‘बलराम’ भी कहेंगे| योगमाया ने ठीक ऐसा ही किया| 
     उधर कंस को सूचना मिली कि देवकी का गर्भपात हो गया है| मूर्ख कंस ये सुन कर हसने लगा और कहने लगा कि कंस के डर से देवकी का सातवाँ गर्भ उसके उदर में ही नष्ट हो गया| 
अब समस्त शुभ गुणों से युक्त बहुत ही सुहावना समय आया जब भगवान् का अविर्भाव का समय था| स्वर्ग में दुन्दुभियाँ अपने आप बजने लगीं| जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुडाने वाले जनार्दन के अवतार का समय था| उसी समय सब के ह्रदय में विराजमान भगवान् विष्णु देवकी के गर्भ से प्रकट हुए| 
तब सारे देवी-देवता उनकी स्तुति करने कारागार में प्रकट हो गए | चारों ओर हर्षोल्लास का वातावरण फ़ैल गया| भगवान् ने देवकी और वसुदेव को अपने चतुर्भुज रूप के दर्शन करवाए और यह भी बताया कि पिछले जन्म में देवकी और वसुदेव जी ने भगवान् विष्णु की घोर तपस्या की थी और देवकी ने वरदान में भगवान् की माता बनने का वरदान माँगा था| इसी कारण पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् ने देवकी जी को उनकी माता बनने का अवसर प्रदान किया है| फिर भगवान् ने देवकी और वसुदेव को कहा कि उनकी योगमाया के प्रभाव से देवकी और वसुदेव उनके अतार्ध्यान होते ही उनके चतुर्भुज रूप और उनसे हुए इस सारे वार्तालाप को भूल जायेंगे और फिर से माया के प्रभाव में आ जायेंगे| ऐसा ही हुआ, भगवान् के अंतर्ध्यान होते ही देवकी और वसुदेव सब कुछ भूल गए|
     तब भगवान् ने योगमाया का आह्वाहन करके कहा कि हे योगमाया! वसुदेव जी की बेड़ियाँ काट कर और कारागार के सभी पहरेदारों को निद्रा-मुग्ध करके वसुदेव जी द्वारा मुझे (श्री कृष्ण को) गोकुल में यशोदा के पास छोड़ आओ| गोकुल में यशोदा जी गर्भवती हैं, उनके गर्भ में कन्या है| उस कन्या को मेरे स्थान पर इस कारागार में ला कर माता देवकी के पास रख दो|
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भगवान श्री कृष्ण जी की कृपा आप सभी वैष्णवों पर सदैव बनी रहे।

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