|| श्री राधा कृष्णाभ्यां नमः ||
श्री हरि
अक्रूर जी की ब्रज यात्रा
अक्रूर जी रथ पर सवार होकर ब्रज के लिए चल पड़े| परम भाग्यवान अक्रूर जी यात्रा करते समय भगवान् श्रीकृष्ण की प्रेममयी भक्ति में खो गए| सोचने लगे के मैंने ऐसा कौन सा शुभ कर्म किया है, ऐसी कौन सी श्रेष्ठ तपस्या की है या कौन सा ऐसा दान दिया है, जिसके फलस्वरूप आज मैं भगवान् श्रीकृष्ण के दर्शन करूँगा|